Board Exam Most Importnat News: यह खबर विद्यार्थियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें आपको बताया जाएगा कि नई शिक्षा नीति(NEP) के तहत बहुत ही महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहे हैं, जो कि सभी विद्यार्थियों को पता होना चाहिए एवं क्या क्या बदलाव हो रहे हैं. क्या साल में दो बार परीक्षाएं होंगी ?
कितने विषय विद्यार्थियों को पढ़ने होंगे एवं कैसे परीक्षा होगी सारी जानकारी यहां पर दी गई है एवं नई शिक्षा नीति के तहत क्या-क्या तैयारी कर ली गई है. कब से लागू की जाएंगी यह सारी जानकारी नीचे दी गई है. तो कृपया अगर आप इस बार Board Exam देने वाले हैं या आप अगले वर्ष या उसके बाद बोर्ड देंगे तो आपके लिए यह खबर बहुत ही महत्वपूर्ण है तो आप इसे पूरा पढ़ें एवं इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के हिसाब से कक्षा 3 से 12वीं तक के लिए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) तैयार हो गया है। इसके प्रकाशन की तैयारी चल रही है। एनईपी 2020 घोषित होने की तीसरी वर्षगांठ 29 जुलाई या उससे पहले एनसीएफ सामने आ सकता है। सभी 10 कक्षाओं की नई किताबें तैयार करने के लिए भी विषय विशेषज्ञों की पहचान कर ली गई है। एनसीएफ के घोषित होते ही किताबें तैयार करने की कमेटियां गठित होंगी। कक्षा 3 से 12 तक के लिए स्कूली शिक्षा में अब करीब 150 विषयों की किताबें बनाई जाएंगी। तैयारी है। कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 के शुरुआती महीनों में नए एनईपी के हिसाब से कक्षा-3, 6 और 9 की पहली किताबें सामने आ जाएं।
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पिछली नीति की तुलना में पांच गुना तेजी से काम
पिछली नीति 1986 में आई, . किताबें 2008 तक आई। इस बार 2020 में नीति, 2 साल में प्री स्कूल की बुक्स, 12 वीं तक का कोर्स पूरा। . नीति दस्तावेज ‘सार्थक’ में 297 टॉस्क लिस्ट हैं। इसमें से एक-तिहाई पूर्ण, अगले एक तिहाई अंतिम चरण मैं, शेष दो साल में पूरे हो जाएंगे।
- फाउंडेशन स्टेज (3 से 8 साल): किसी भी प्रकार की परीक्षा नहीं,
बाल वाटिका / प्री-स्कूल में बच्चों को जादुई पिटारे (53 किस्म के खेल-खिलौने, पोस्टर, बोर्ड, बिल्डिंग ब्लॉक, प्लेइंग कार्ड) से पढ़ाई होगी। स्कूल बैग नहीं होगा। सभी सेंट्रल स्कूल में बाल वाटिका खोलीं गईं हैं। जादुई पिटारा फरवरी में जारी हो चुका है। प्राइवेट स्कूलों में ही प्ले ग्रुप और नर्सरी की क्लासेस चलती हैं। अब एनईपी मैं शुरुआती तीन साल सरकारी स्कूलों में भी पढ़ाए जाएंगे।
- 6 से 8 सालः प्री-स्कूलिंग कर चुके छह साल के बच्चे को पहली कक्षा में दाखिला मिलेगा। इसमें केवल दो किताबें होंगी भाषा और गणित। दूसरी कक्षा के बाद फाउंडेशन लेवल पूरा होगा। फाउंडेशन लेवल में कोई परीक्षा नहीं होगी। इस स्टेज की किताबें उपलब्ध हैं।
- जन्म से 3 साल तकः माता-पिता के लिए भी पहली बार अर्ली चाइल्डकेयर एजुकेशन सिलेबस (पालन-पोषण में क्या ध्यान रखें, क्या करें) तैयार हो चुका है, ये सिलेबस जल्दी ही जारी किया जाएगा।
- प्रीप्रेटरी स्टेज (8 से 11 साल): 3 भाषाएं और गणित की पढ़ाई
- कक्षा 3 में आठ साल के बच्चे को दाखिला मिलेगा। तीन भाषाएं और गणित की पढ़ाई होगी। 5 वीं कक्षा तक पढ़ाई मातृभाषा या स्थानीय भाषा में होगी। कक्षा 3 में पहली बार बच्चे का मूल्यांकन होगा। कक्षा-5 के आखिर में दूसरी बार मूल्यांकन होगा।
- मिडिल स्टेज (11 से 14 साल) : वोकेशनल एक्सपोजर शुरू होगा
कक्षा 6 में 11 साल के बच्चे को दाखिला मिलेगा। 8वीं कक्षा तक बच्चों को वोकेशनल एक्सपोजर कराया जाएगा, इसका मूल्यांकन नहीं होगा। भाषा और विज्ञान के अलावा मानविकी, विज्ञान, कला और सामाजिक विज्ञान की बेसिक पढ़ाई करेंगे। 8वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी होने पर तीसरा मूल्यांकन होगा। कक्षा-3, 5 और 8 में होने वाले मूल्यांकन बोर्ड परीक्षा की तरह नहीं होंगे। छात्रों- पैरेंट्स की नियमित काउंसलिंग होगी। वोकेशनल एजुकेशन का मूल्यांकन 9वीं कक्षा से होगा।
- सेकंडरी स्टेज (14 से 18 साल): 9वीं का रिजल्ट 10 वीं में भी जुड़ेगा
कक्षा 9 से 12 तक सेमेस्टर सिस्टम से पढ़ाई होगी। सेमेस्टर अगले सत्र से शुरू होने की संभावना है। साल में बोर्ड परीक्षा के दो मौके मिलेंगे। 9वीं 10वीं और 11वीं-12वीं में कुल 16-16 पेपर (कोर्स) देने होंगे यानी एक साल में कम से कम 8 पेपर होंगे। 9वीं का रिजल्ट 10वीं के फाइनल सर्टिफिकेट में जुड़ेगा, इसी तरह 11वीं के अंक 12वीं के रिजल्ट में जुड़कर सर्टिफिकेट मिलेगा।
- 9 वीं व 10 वीं में आठ स्ट्रीम होंगे- मानविकी व भाषा, मैथमेटिक्स, वोकेशनल एजुकेशन, फिजिकल एजुकेशन, आर्ट्स, सोशल साइंस, साइंस और इंटरडिसिप्लीनरी ग्रुप इन 8 ग्रुप में हर से दो-दो यानी 16 पेपर चुनने होंगे।
- इन्हीं आठ समूहों में से न्यूनतम तीन समूहों से चार विषय चुनने होंगे। हर विषय के चार- चार पेपर होंगे। चुनने के 150 विकल्प मिलेंगे।
- अभी तक 11 वीं व 12 वीं के स्तर पर साइंस, कॉमर्स व आर्ट्स संकाय हैं। लेकिन, अब संकाय का विभाजन नहीं होगा। यहां तक कि संगीत, खेल व क्राफ्ट गतिविधियों को आस एजुकेशन, फिजिकल एजुकेशन व वोकेशनल एजुकेशन का दर्जा मैथमेटिक्स, साइंस, मानविकी, भाषा व सामाजिक विज्ञान के बराबर होगा। रिपोर्ट कार्ड जो हॉलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड कहलाएगा, उसमें करिकुलर, को-करिकुलर सभी गतिविधियों में प्रदर्शन का ब्योरा होगा।
अब तक क्या हो चुकाः टीचर्स को ट्रेनिंग, पीएम श्री मॉडल स्कूल विकास प्रोग्राम शुरू
एनईपी के अनुसार केवीएस (केंद्रीय विद्यालय संगठन) और एनवीएस (नवोदय विद्यालय समिति) के टीचर्स को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। सीबीएसई स्कूलों और गुजरात में होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड का पायलट प्रोजेक्ट टेस्ट हो चुका है। देश के 60 बोर्ड में एकरूपता के लिए नेशनल असेसमेंट सेंटर ‘परख’ की स्थापना हुई है। पीएमश्री स्कूलों के तहत मॉडल स्कूलों को विकास प्रोग्राम शुरू हो चुका।