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JAC 10th Science important Questions

By: Vikash Kumar

On: June 24, 2025

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JAC 10th Science important Questions:- In this Article You Have to find a lot of Science important Question Related to your JAC board 10th Exam . You can also download PDF of it to Prepare for your 10th JAC board Exam. Here, very important questions have been given for the students of class 10th who are going to give board exam and these will be of science subject.

Here all the questions are objective MCQ. Let us tell you that these are very important questions. Students must solve all these questions before their exam because all these questions can be asked in the board exam and all these questions are NCERT-based and are also in your syllabus. So you have to read all these questions. Therefore, students must read and can ask them before giving their board exam.

Jac 10Th Science Important Questions 2025
Jac 10Th Science Important Questions 2025

JAC 10th Science important Questions

Name of OrganizationJharkhand Academic Council, Ranchi
CategoryImportant question
Class10th
Question Type Subjective Answers
Subject NameScience
Exam NameJAC Matric Board Exam
Subject Hindi
Official Websitehttps://jac.jharkhand.gov.in/
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Important Question of Science class 10th On Latest Pattern

1. वियोजन अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया के विपरीत क्यों कहा जाता है ? इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखें।

उत्तर- संयोजन अभिक्रिया में दो या दो से अधिक पदार्थ संयोग करके एक नये पदार्थ का निर्माण करते है जबकि वियोजन अभिक्रिया में एक पदार्थ टूटकर दो या दो से अधिक नये पदार्थों का निर्माण करता है। इसलिए वियोजन अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया के विपरीत कहा जाता है। विद्युत अपघटन

संयोजन अभिक्रिया- 2H2 + O2 — 2H2O

वियोजन अभिक्रिया- 2H2 +O2

→ 2H 2 + O 2

2. ऊष्माशोषी एवं ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया के क्या अर्थ है ? एक-एक उदाहरण दें।

उत्तर- ऊष्माशोषी अभिक्रिया – वैसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमें ऊष्मा का शोषण होता है उसे ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहते हैं।

जैसे-

N2 + O2 → 2NO – 43.2 K.

ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया– वैसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमें अभिक्रिया के बाद ऊष्मा उत्पन्न होती है, उसे ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहते हैं। जैसे- C + O2 → CO2 + 94.45 K. Cal

3.विस्थापन अभिक्रिया किसे कहते है ? एक उदाहरण दें।

उत्तर– विस्थापन- वैसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमें कोई तत्व किसी यौगिक से दूसरे तत्व को हटाकर खुद उसका स्थान ग्रहण कर लेता है और एक नया यौगिक बनाता है, उसे विस्थापन अभिक्रिया कहते हैं।

4.निम्नांकित की दिशा को निर्धारित करने वाला नियम बताएँ-

(i) धारावाही चालक के चारों ओर उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र ।

(ii) किसी चुंबकीय क्षेत्र में लंबवत स्थित धारावाही चालक पर लगने वाला बल ।

(iii) चुंबक की गति के कारण परिवर्ती चुंबकीय फ्लक्स द्वारा परिपथ में प्रेरित धारा ।

उत्तर- (i) दाँये हाथ के अंगूठे के नियम द्वारा । (ii) फ्लेमिंग के बाँयें हाथ के नियम द्वारा ।

(iii) फ्लेमिंग के दाँये हाथ के नियम द्वारा ।

5. भू-संपर्क तार का क्या कार्य है ? धातु के साधित्रों को भूसंपर्कित करना क्यों आवश्यक है ?

उत्तर- भू-संपर्क तार घर के निकट जमीन के अंदर बहुत नीचे स्थित धातु की प्लेट के साथ जुड़ा होता है। यह सुरक्षा का साधन है और विद्युत सप्लाई (आपूर्ति) को किसी प्रकार प्रभावित नहीं करता है। धातु साधित्रों को भू-संपर्कित करने पर पृथ्वी धारा के प्रभाव के लिए लगभग शून्य प्रतिरोध का पथ प्रदान करती है और धारा हमारे शरीर से नहीं गुजरती है और हम गंभीर झटके से बच जाते हैं।

6.कोई विद्युतरोधी ताँबे के तार की कुंडली किसी गैल्वेनोमीटर से संयोजित है। क्या होगा यदि छड़ चुंबक-

(i) कुंडली में घकेला जाता है ?

उत्तर- (i) गैल्वेनोमीटर की सूई में विक्षेप होता है। यह विक्षेप कुंडली में प्रेरित विद्युत धारा के उत्पन्न होने के कारण होता है.

7. श्रेणीक्रम में संयोजित करने के स्थान पर वैद्युत युक्तियों को पार्श्वक्रम में संयोजित करने के क्या लाभ हैं ?

उत्तर- (i) पार्श्वक्रम में संयोजित विद्युत उपकरण में से कोई उपकरण फ्यूज हो जाने पर अन्य उपकरणों का कार्य इससे बाधित नहीं होता है।

(ii) प्रत्येक उपकरण अपनी आवश्यकता के अनुसार धारा ग्रहण करते हैं, फलस्वरूप वे अच्छी तरह से कार्य करते हैं।

8 घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है ?

उत्तर- श्रेणीक्रम में समान विद्युत धारा, सभी उपकरणों में प्रवाहित होती है। श्रेणीक्रम से अधिक उपकरण लगाने से धीरे-धीरे धारा का मान घटता जाता है और कुल प्रतिरोध बहुत अधिक हो जाता है। ऐसी स्थिति में प्रत्येक उपकरण के सिरों पर विभवांतर भिन्न होता है। श्रेणीक्रम में जब परिपथ का एक अवयव कार्य करना बंद कर देता है, तो परिपथ टूट जाता है और अन्य कोई अवयव कार्य नहीं कर पाता है।

8.विद्युत संचारण के लिए प्रायः कॉपर तथा ऐलुमिनियम के तारों का उपयोग क्यों किया जाता है ?

उत्तर- कॉपर तथा ऐलुमिनियम विद्युत के अच्छे चालक हैं। कॉपर तथा ऐलुमिनियम की प्रतिरोधकता कम है। जब ताँबे तथा एलुमिनियम तारों में विद्युत प्रेषित होती है, तो ऊष्मा के रूप में शक्ति का हास बहुत कम होता है।

9. फ्यूज क्या है ? इसकी क्या विशेषताएँ हैं ?

उत्तर- फ्यूज एक सुरक्षा की युक्ति है। यह ऐसे तार का टुकड़ा होता है जिसके पदार्थ की प्रतिरोधकता बहुत अधिक होती है और उसकी गलनांक बहुत कम होता है। इसे परिपथ में श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है। विशेषताएँ- यह विद्युत परिपथ को अतिभारण और लघुपथन के कारण नष्ट होने से बचाता है।

9. विद्युत धारा को परिभाषित करें। इसका SI मात्रक लिखें ।

उत्तर– विद्युत आवेश के प्रवाह की दर अर्थात एकांक समय में प्रवाहित होने वाले विद्युत आवेश के परिमाण को विद्युत धारा कहते हैं।

I= t इसका SI मात्रक ऐम्पियर है।

10.निकट दृष्टि दोष एवं दीर्घ-दृष्टि दोष में अंतर लिखें।

उत्तर– निकट-दृष्टि दोष एवं दीर्घ-दृष्टि दोष में अंतर-

निकट दृष्टि दोष

(a) नेत्र लेंस की फोकस दूरी कम हो जाती है।

(b) इस दोष के कारण प्रतिबिंब रेटिना के आगे बनता है।

(c) इस दोष को अवतल लेंस से दूर किया जाता है।

दीर्घ-दृष्टि दोष

(a) नेत्र लेंस की फोकस दूरी अधिक हो जाती है।

(b) इस दोष के कारण प्रतिबिंब रेटिना के पीछे बनता है।

(c) इस दोष को उत्तल लेंस से दूर किया जाता है।

11. निकट दृष्टि दोष किसे कहते हैं ? उसे कैसे दूर किया जाता है ? अथवा, निकट दृष्टि दोष क्या है ? इसके क्या कारण है ? इस दोष का निवारण किस प्रकार किया जा सकता है ?

उत्तर- वह दृष्टि दोष जिसके कारण कोई व्यक्ति निकट की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देख सकता है, परन्तु दूर स्थित वस्तुओं को स्पष्ट रूप से नहीं देख सकता है। निकट दृष्टि-दोष कहलाता है।

(i) निकट-दृष्टि दोषयुक्त नेत्र

निकट-दृष्टि दोष के कारण-

(ii) अवतल लेंस द्वारा संशोधन

(i) अभिनेत्र लेंस की वक्रता का अत्यधिक होना।

(ii) नेत्र गोलक का लंबा हो जाना।

संशोधन (निवारण)- इस दोष को दूर करने के लिए अवतल लेंस केचश्मे का उपयोग किया जाता है जो दूर रखी वस्तु से आने वाली समांतर किरणों को इतना अपसरित कर दे ताकि किरणें रेटिना के पहले मिलने के बजाए रेटिना पर ही मिले।

12. प्रकाश का परावर्तन किसे कहते हैं ?

उत्तर- किसी चिकने चमकीले सतह से प्रकाश की किरणों के टकरा कर वापस

लौटने की घटना को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं।

13. प्रकाश के परावर्तन के नियमों को लिखें।

उत्तर- (i) आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर डाला गया अभिलम्ब तीनों एक ही तल होते हैं।

(ii) आपतन कोण, परावर्तन कोण के सदैव बराबर होता है।

14. समतल दर्पण में प्रतिबिंब की क्या विशेषताएँ हैं ?

उत्तर- (i) प्रतिबिंब सदैव आभासी तथा सीधा होता है ।

(ii) प्रतिबिंब का आकार बिंब के आकार के बराबर होता है।

(iii) प्रतिबिंब दर्पण के पीछे उतनी ही दूरी पर बनता है जितनी दूरी पर दर्पण के सामने बिंब रखा होता है।

(iv) प्रतिबिंब का पार्श्व परिवर्तित होता है।

एक समतल दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन + 1 है। इसका क्या अर्थ है ? उत्तर- m = 1 दर्शाता है, कि समतल दर्पण में प्रतिबिंब बिंब के साइज के बराबर है। m का धनात्मक चिह्न दर्शाता है कि प्रतिबिंब आभासी तथा सीधा है।

15. चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ क्या होती हैं ?

उत्तर- चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ, वे पथ हैं जिन पर स्वतंत्र चुंबकीय उतरी ध्रुव गमन करता है। वे बंद वक्र हैं जिसके किसी बिंदु पर खींची गई स्पर्श रेखा उस बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता की दिशा को निरूपित करती है।

16. चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के तीन गुणों को लिखें।

उत्तर- चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के गुण-

(i) ये बंद वक्र हैं,

(ii) ये चुंबकीय क्षेत्र की दिशा को प्रदर्शित करते हैं अर्थात् यह उस दिशा को निर्दिष्ट करते हैं जिस ओर वहाँ रखा कोई उत्तर ध्रुव

गमन करेगा,

(iii) ध्रुवों के समीप क्षेत्र रेखाएँ घनी होती है।

17.दो चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे को प्रतिच्छेद क्यों नहीं करती ?

उत्तर- इसका कारण यह है कि किसी बिंदु पर यदि वे एक-दूसरे को प्रतिच्छेद करेगी, तो इसका अर्थ यह होगा कि उस बिंदु पर सूई दो दिशाओं की ओर संकेत करेगी, जो संभव नहीं है।

18.फ्लेमिंग के वाम हस्त एवं दक्षिण हस्त नियम को लिखें।

उत्तर- फ्लेमिंग के वाम हस्त नियम- अपने बाएँ हाथ की तर्जनी, मध्यमा और अंगूठे को इस प्रकार फैलाये कि वे एक दूसरे पर लंबवत हो। यदि तर्जनी क्षेत्र की दिशा और मध्यमा धारा की दिशा प्रदर्शित करे तो अंगूठा चालक की गति की दिशा की ओर संकेत करेगा।

19.परिपथ में प्रयुक्त होने वाले तीन प्रकार के तारों के नाम एवं रंग लिखें।

उत्तर- (i) विद्युन्मय तार- लाल रंग,

(ii) उदासीन तार- काला रंग, (iii) भू-संपर्क तार- हरा रंग ।

20. किसी विद्युत परिपथ में लघुपथन और अतिभारण कब होता है ?

उत्तर- लघुपथन– जब विद्युन्मय तार तथा उदासीन तार आपस में संपर्क में आ जाते हैं, तो लघुपथन की घटना होती है। यह तभी होता है जब या तो तार के ऊपर चढ़ा प्लास्टिक कवर नष्ट हो जाता है या विद्युत उपकरण में किसी प्रकार की गड़बड़ी आ जाती है।

अतिभारण- जब विद्युन्मय तार तथा उदासीन तार दोनों सीधे संपर्क में आते हैं, तो अतिभारण हो सकता है यह तब होता है, जब तारों का विद्युतरोधन क्षतिग्रस्त हो जाता है अथवा साधित्र में कोई दोष होता है।

21. अतिभारण एवं लघुपथन को समझाएँ । घरेलू विद्युत परिपथों में अतिभारण एवं लघुपथन से बचाव के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए ?

उत्तर- कभी-कभी एक साथ बहुत सारे विद्युत उपकरणों, जैसे- हीटर, फ्रीज, विद्युत आयरन, विद्युत मोटर आदि को एक साथ चालू कर देने पर परिपथ में धारा का बोझ बहुत अधिक बढ़ जाता है। इसे अतिभारण कहते हैं।

जब किसी कारणवश गर्मतार (जीवित तार) एवं ठंडा तार (उदासीन तार) आपस में सट जाते हैं तब परिपथ का प्रतिरोध बहुत घट जाता है। अर्थात शून्य हो जाता है, जिससे प्रवाहित धारा की प्रबलता लगभग दुगुनी हो जाती है। इस घटना को लघुपथन कहते हैं। अतिभारण एवं लघुपथन से बचने के लिए परिपथ में फ्यूज लगाना चाहिए और अत्यधिक विद्युत संयंत्र को एक ही परिपथ में नहीं संयोजित करना चाहिए।

22. उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है ? दो उदाहरण दें।

उत्तर- अम्ल तथा क्षार के अभिक्रिया के फलस्वरूप लवण तथा जल बनते हैं. इसे उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं।

जैसे-

(i) NaOH + HC1 NaCl + H2O,

(ii) Ca (OH)2 + H2SO4 CaSO4 + 2H2O

23. अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए, न कि जल को अम्ल में ?

उत्तर- जल में अम्ल या क्षारक के घुलने की प्रक्रिया अत्यधिक ऊष्माक्षेपी होती. है। जल में सांद्र नाइट्रिक अम्ल या सल्फ्यूरिक अम्ल को मिलाते समय अत्यधिक सावधानी रखनी चाहिए। अम्ल को हमेशा धीरे-धीरे तथा जल को लगातार हिलाते हुए जल में मिलाना चाहिए। सांद्र अम्ल में जल मिलाने पर उत्पन्न हुई ऊष्मा के कारण मिश्रण छलककर बाहर आ सकता है तथा व्यक्ति जल सकता है। साथ ही अत्यधिक स्थानीय ताप के कारण काँच का पात्र भी टूट सकता है।

24. उभयधर्मी ऑक्साइड क्या होते हैं ? किन्हीं दो उभयधर्मी ऑक्साइडॉ के उदाहरण दें.

उत्तर- ऐसे धात्विक ऑक्साइड जिनकी प्रकृति अम्लीय तथा क्षारकीय दोनों प्रकार की होती है। उन्हें उभयधर्मी ऑक्साइड कहते हैं। Al2O3 तथा ZnO उभयधर्मी ऑक्साइडों के उदाहरण हैं।

25. जब कोई धातु तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से अभिक्रिया करती है तो कौन-सी गैस सदैव उत्पन्न होती है ? इस अभिक्रिया की रासायनिक समीकरण लिखें ।

उत्तर- गैस- हाइड्रोजन,

रासायनिक समीकरण Zn + 2HC1 ZnCl2 + H21 सोडियम धातु को मिट्टी के तेल में डुबोकर क्यों रखा जाता है ?

Conclusion

This Article is too much Important in exam point of view. I hope you liked this article if yes Just put your Lovely Comment.

Vikash Kumar

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